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क्या है धारा 370 ( What is Section 370)


क्या है धारा 370 ( What is Section 370)


धारा ३७० भारतीय संविधान का एक विशेष अनुच्छेद (धारा) है जिसके द्वारा जम्मू एवं कश्मीर राज्य को सम्पूर्ण भारत में अन्य राज्यों के मुकाबले विशेष अधिकार अथवा (विशेष दर्ज़ा) प्राप्त है। देश को आज़ादी मिलने के बाद से लेकर अब तक यह धारा भारतीय राजनीति में बहुत विवादित रही है। भारतीय जनता पार्टी एवं कई राष्ट्रवादी दल इसे जम्मू एवं कश्मीर में व्याप्त अलगाववाद के लिये जिम्मेदार मानते हैं तथा इसे समाप्त करने की माँग करते रहे हैं। भारतीय संविधान में अस्थायी, संक्रमणकालीन और विशेष उपबन्ध सम्बन्धी भाग २१ का अनुच्छेद ३७० जवाहरलाल नेहरू के विशेष हस्तक्षेप से तैयार किया गया था। स्वतन्त्र भारत के लिये कश्मीर का मुद्दा आज तक समस्या बना हुआ है।

विशेष अधिकार
  • धारा 370 के प्रावधानों के अनुसार, संसद को जम्मू-कश्मीर के बारे में रक्षा, विदेश मामले और संचार के विषय में कानून बनाने का अधिकार है लेकिन किसी अन्य विषय से सम्बन्धित क़ानून को लागू करवाने के लिये केन्द्र को राज्य सरकार का अनुमोदन चाहिये।
  • इसी विशेष दर्ज़े के कारण जम्मू-कश्मीर राज्य पर संविधान की धारा 356 लागू नहीं होती।
  • इस कारण राष्ट्रपति के पास राज्य के संविधान को बर्ख़ास्त करने का अधिकार नहीं है।
  • 1976 का शहरी भूमि क़ानून जम्मू-कश्मीर पर लागू नहीं होता।
  • इसके तहत भारतीय नागरिक को विशेष अधिकार प्राप्त राज्यों के अलावा भारत में कहीं भी भूमि ख़रीदने का अधिकार है। यानी भारत के दूसरे राज्यों के लोग जम्मू-कश्मीर में ज़मीन नहीं ख़रीद सकते।
  • भारतीय संविधान की धारा 360 जिसके अन्तर्गत देश में वित्तीय आपातकाल लगाने का प्रावधान है, वह भी जम्मू-कश्मीर पर लागू नहीं होती।
  • जम्मू और कश्मीर का भारत में विलय करना ज़्यादा बड़ी ज़रूरत थी और इस काम को अंजाम देने के लिये धारा 370 के तहत कुछ विशेष अधिकार कश्मीर की जनता को उस समय दिये गये थे। ये विशेष अधिकार निचले

विशेष अधिकारों की सूची
  1. जम्मू-कश्मीर के नागरिकों के पास दोहरी नागरिकता होती है।
  2. जम्मू-कश्मीर का राष्ट्रध्वज अलग होता है।
  3. जम्मू - कश्मीर की विधानसभा का कार्यकाल 6 वर्षों का होता है जबकि भारत के अन्य राज्यों की विधानसभाओं का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है।
  4. जम्मू-कश्मीर के अन्दर भारत के राष्ट्रध्वज या राष्ट्रीय प्रतीकों का अपमान अपराध नहीं होता है।
  5. भारत के उच्चतम न्यायालय के आदेश जम्मू-कश्मीर के अन्दर मान्य नहीं होते हैं।
  6. भारत की संसद को जम्मू-कश्मीर के सम्बन्ध में अत्यन्त सीमित क्षेत्र में कानून बना सकती है।
  7. जम्मू-कश्मीर की कोई महिला यदि भारत के किसी अन्य राज्य के व्यक्ति से विवाह कर ले तो उस महिला की नागरिकता समाप्त हो जायेगी। इसके विपरीत यदि वह पकिस्तान के किसी व्यक्ति से विवाह कर ले तो उसे भी जम्मू-कश्मीर की नागरिकता मिल जायेगी।
  8. धारा 370 की वजह से कश्मीर में आरटीआई (RTI) और सीएजी (CAG) जैसे कानून लागू नहीं होते है।
  9. कश्मीर में महिलाओं पर शरियत कानून लागू है।
  10. कश्मीर में पंचायत को अधिकार प्राप्त नहीं है।
  11. कश्मीर में चपरासी को 2500 रूपये ही मिलते है।
  12. कश्मीर में अल्पसंख्यकों [हिन्दू-सिख] को 16% आरक्षण नहीं मिलता।
  13. धारा 370 की वजह से कश्मीर में बाहर के लोग जमीन नहीं खरीद सकते हैं।
  14. धारा 370 की वजह से ही कश्मीर में रहने वाले पाकिस्तानियों को भी भारतीय नागरिकता मिल जाती है।

धारा ३७० के सम्बन्ध में कुछ विशेष बातें
) धारा ३७० अपने भारत के संविधान का अंग है।
) यह धारा संविधान के २१वें भाग में समाविष्ट है जिसका शीर्षक है- अस्थायी, परिवर्तनीय और विशेष प्रावधान(Temporary, Transitional and Special Provisions)
) धारा ३७० के शीर्षक के शब्द हैं - जम्मू-कश्मीर के सम्बन्ध में अस्थायी प्रावधान (“Temporary provisions with respect to the State of Jammu and Kashmir”)
) धारा ३७० के तहत जो प्रावधान है उनमें समय समय पर परिवर्तन किया गया है जिनका आरम्भ १९५४ से हुआ। १९५४ का महत्त्व इस लिये है कि १९५३ में उस समय के कश्मीर के वजीर--आजम शेख महम्मद अब्दुल्ला, जो जवाहरलाल नेहरू के अंतरंग मित्र थे, को गिरफ्तार कर बंदी बनाया था। ये सारे संशोधन जम्मू-कश्मीर के विधानसभा द्वारा पारित किये गये हैं।

संशोधित किये हुये प्रावधान इस प्रकार के हैं-

() १९५४ में चुंगी, केंद्रीय अबकारी, नागरी उड्डयन और डाकतार विभागों के कानून और नियम जम्मू-कश्मीर को लागू किये गये।
() १९५८ से केन्द्रीय सेवा के आई ए एस तथा आय पी एस अधिकारियों की नियुक्तियाँ इस राज्य में होने लगीं। इसी के साथ सी ए जी (CAG) के अधिकार भी इस राज्य पर लागू हुए।
() १९५९ में भारतीय जनगणना का कानून जम्मू-कश्मीर पर लागू हुआ।
(र्ई) १९६० में सर्वोच्च न्यायालय ने जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय के निर्णयों के विरुद्ध अपीलों को स्वीकार करना शुरू किया, उसे अधिकृत किया गया।
() १९६४ में संविधान के अनुच्छेद ३५६ तथा ३५७ इस राज्य पर लागू किये गये। इस अनुच्छेदों के अनुसार जम्मू-कश्मीर में संवैधानिक व्यवस्था के गड़बड़ा जाने पर राष्ट्रपति का शासन लागू करने के अधिकार प्राप्त हुए।
() १९६५ से श्रमिक कल्याण, श्रमिक संगठन, सामाजिक सुरक्षा तथा सामाजिक बीमा सम्बन्धी केन्द्रीय कानून राज्य पर लागू हुए।
() १९६६ में लोकसभा में प्रत्यक्ष मतदान द्वारा निर्वाचित अपना प्रतिनिधि भेजने का अधिकार दिया गया।
() १९६६ में ही जम्मू-कश्मीर की विधानसभा ने अपने संविधान में आवश्यक सुधार करते हुए- प्रधानमन्त्रीके स्थान पर मुख्यमन्त्रीतथा सदर--रियासतके स्थान पर राज्यपालइन पदनामों को स्वीकृत कर उन नामों का प्रयोग करने की स्वीकृति दी। सदर--रियासतका चुनाव विधानसभा द्वारा हुआ करता था, अब राज्यपाल की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा होने लगी।
() १९६८ में जम्मू-कश्मीर के उच्च न्यायालय ने चुनाव सम्बन्धी मामलों पर अपील सुनने का अधिकार सर्वोच्च न्यायालय को दिया।
() १९७१ में भारतीय संविधान के अनुच्छेद २२६ के तहत विशिष्ट प्रकार के मामलों की सुनवाई करने का अधिकार उच्च न्यायालय को दिया गया।
(अं) १९८६ में भारतीय संविधान के अनुच्छेद २४९ के प्रावधान जम्मू-कश्मीर पर लागू हुए।
(अः) इस धारा में ही उसके सम्पूर्ण समाप्ति की व्यवस्था बताई गयी है। धारा ३७० का उप अनुच्छेद ३ बताता है कि ‘‘पूर्ववर्ती प्रावधानों में कुछ भी लिखा हो, राष्ट्रपति प्रकट सूचना द्वारा यह घोषित कर सकते है कि यह धारा कुछ अपवादों या संशोधनों को छोड दिया जाये तो समाप्त की जा सकती है।

इस धारा का एक परन्तुक (Proviso) भी है। वह कहता है कि इसके लिये राज्य की संविधान सभा की मान्यता चाहिये। किन्तु अब राज्य की संविधान सभा ही अस्तित्व में नहीं है। जो व्यवस्था अस्तित्व में नहीं है वह कारगर कैसे हो सकती है?

जवाहरलाल नेहरू द्वारा जम्मू-कश्मीर के एक नेता पं॰ प्रेमनाथ बजाज को २१ अगस्त १९६२ में लिखे हुये पत्र से यह स्पष्ट होता है कि उनकी कल्पना में भी यही था कि कभी न कभी धारा ३७० समाप्त होगी। पं॰ नेहरू ने अपने पत्र में लिखा है-

‘‘वास्तविकता तो यह है कि संविधान का यह अनुच्छेद, जो जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा दिलाने के लिये कारणीभूत बताया जाता है, उसके होते हुये भी कई अन्य बातें की गयी हैं और जो कुछ और किया जाना है, वह भी किया जायेगा। मुख्य सवाल तो भावना का है, उसमें दूसरी और कोई बात नहीं है। कभी-कभी भावना ही बडी महत्त्वपूर्ण सिद्ध होती है।’’


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लिंग का टेढ़ापन क्या होता है? : Peyronie's disease in Hindi

लिंग का टेढ़ापन क्या होता है?

लिंग का टेढ़ापन क्या होता है?


लिंग में टेढ़ापन आने की स्थिति को पेरोनी रोग (Peyronie's disease) के नाम से भी जाना जाता है। यह एक ऐसी स्थिति होती है, जिससे किसी व्यक्ति पर कई भावनात्मक और रिलेशनशिप से जुड़े कई प्रभाव पड़ते हैं। लिंग में टेढ़ापन, लिंग के ऊतकों में क्षति होने के कारण होता है, इन ऊतकों में स्कार (Scar/ ऊतकों में किसी प्रकार की क्षति जैसे चोट या जलने आदि के बाद वहां पर एक स्थायी चिह्न बन जाना) बनने लग जाते हैं। ऊतकों में बनने वाले स्कार को प्लेक (Plaque) के नाम से भी जाना जाता है। लिंग ऊपर की तरफ मुड़ा है या नीचे की तरफ इसके अनुसार ही प्लेक का स्थान व आकार निर्धारित होता है। लिंग में टेढ़ापन धीरे-धीरे हो सकता है जो गांठ बनने और दर्द के साथ शुरू हो सकता है, जो बाद में एक कठोर स्कार के रूप में विकसित हो सकता है। लिंग में टेढ़ापन अचानक से भी हो सकता है, जो लगभग रातभर का समय लेता है। लिंग का टेढ़ापन सबसे स्पष्ट रूप से लिंग स्तंभन (Erection) के दौरान दिखाई देता है।

यह लिंग के अंदर टेढ़े तंतुओं (रेशों) का निर्माण होने की वजह से होता है, जो स्तंभन के साथ होने वाली लिंग वृद्धि को रोकते हैं। लिंग का टेढ़ापन या पेरोनी रोग कभी-कभी अपने आप ठीक हो जाता है। लेकिन ज्यादातर मामलो में यह स्थिर बना रहता है या और बद्तर हो जाता है। अगर लिंग में टेढ़ेपन की स्थिति गंभीर है या यह शारीरिक संभोग में कठिनाई पैदा कर रही है तो इसके उपचार की आवश्यकता है। उपचार में दवाइयां, सर्जरी व बिना सर्जरी वाले उपचार शामिल हैं।

लिंग का टेढ़ापन के चरण - Stages of Peyronie's disease in Hindi
लिंग के टेढ़ापन के लक्षण - Peyronie's disease Symptoms in Hindi
लिंग के टेढ़ापन के कारण और जोखिम कारक - Peyronie's disease Causes & Risks in Hindi
लिंग के टेढ़ापन से बचाव के उपाय - Prevention of Peyronie's disease in Hindi
लिंग के टेढ़ापन का निदान - Diagnosis of Peyronie's disease in Hindi
लिंग का टेढ़ापन का उपचार - Peyronie's disease Treatment in Hindi
लिंग का टेढ़ापन की जटिलताएं - Peyronie's disease Complications in Hindi

लिंग का टेढ़ापन के चरण - Stages of Peyronie's disease in Hindi

लिंग में टेढ़ापन किन चरणों में होता है?

यह रोग मध्यम या गंभीर स्थिति का हो सकता है, जिसके दो चरण होते हैं। पहला चरण एक्युट होता है, जो एक से दो साल तक लगातार बना रह सकता है।

यह दर्द कम होने के बाद होता है, लेकिन तब तक प्लेक और सख्त हो जाता है, जिसका इलाज करना कठिन हो जाता है। जैसे-जैसे रोग बढ़ता है यह लिंग में स्थिर टेढ़ापन, स्तंभन दोष और योनि प्रवेश करने में पूरी तरह से विफलता जैसी समस्याएं पैदा कर देता है और अक्सर डिप्रेशन का भी कारण बनता है।

लिंग के टेढ़ापन के लक्षण - Peyronie's disease Symptoms in Hindi

लिंग में टेढ़ापन आने के क्या लक्षण होते हैं?

जब लिंग सामान्य स्थिति में होता है, अक्सर तब किसी प्रकार का लक्षण दिखाई नहीं देता। लिंग में टेढ़ेपन के लक्षण धीरे-धीरे विकसित हो सकते हैं या फिर एकदम से रात-भर बाद ही इसके लक्षण दिखाई दे सकते हैं। गंभीर मामलों में, लिंग में स्कार वाले सख्त ऊतक (प्लेक) बनने के कारण लिंग में लचीलापन कम हो जाता है। इस स्थिति के कारण दर्द होने लगता है और यह स्तंभन के दौरान लिंग को एक तरफ झुकने या मुड़ने के लिए मजबूर कर सकती है।

पेरोनी रोग का दर्द आमतौर पर मध्यम होता है और आमतौर पर इसका इलाज भी नहीं किया जा सकता है। यह दर्द अक्सर लिंग स्तंभन के दौरान ही होता है। ज्यादातर मामलों में, समय के साथ-साथ दर्द कम होने लगता है, लेकिन टेढ़ापन की समस्या ऐसे ही रहती है। कभी-कभार यह समस्या स्थिर टेढ़ापन किये बिना स्वतः ठीक होने लगता है।

लिंग में टेढ़ापन का निम्न स्थितियों के द्वारा वर्णन किया जाता है:
  • लिंग स्तंभन के दौरान दर्द होना।
  • संभोग के दौरान दर्द और कठिनाई महसूस होना, यह अक्सर प्रारंभिक लक्षण होता है।
  • संभोग करने के बाद लिंग में दर्द व सूजन आना। (और पढ़ें - पेनिस में सूजन का इलाज)
  • लिंग छोटा पड़ जाना या संकुचित हो जाना (कुछ मामलों में)
  • लिंग में टेढ़ेपन के बिंदु के नीचे कोई कठोर जगह या गांठ महसूस होना।
  • स्कार ऊतकों की उपस्थिति लिंग में टेढ़ेपन की सतह से स्पष्ट दिखाई देना।
  • लिंग में गंभीर टेढ़ापन होने के कारण शारीरिक संबंध बनाने में अक्षमता।
  • दर्दरहित लेकिन टेढ़ापन काफी स्पष्ट रूप से दिखाई देना और छूने पर सख्त ऊतक महसूस होना।
  • सामान्य जीवन में हस्तक्षेप होने के कारण डिप्रेशन और अन्य मानसिक लक्षण।



कुछ मामले में पेरोनी रोग के साथ होने वाला लिंग में टेढ़ापन बिना किसी उपचार के अपने आप ही ठीक हो जाता है।

डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?

अगर लिंग का टेढ़ापन या दर्द, आपको सेक्स करने से रोक रहा है या अगर यह समस्या आपमें किसी प्रकार की चिंता का कारण बन रही है, तो अपने डॉक्टर से इस बारे बात करनी चाहिए।

लिंग के टेढ़ापन के कारण और जोखिम कारक - Peyronie's disease Causes & Risks in Hindi

लिंग में टेढ़ापन किस कारण से होता है?

लिंग में टेढ़ापन या पेरोनी रोग का कारण अस्पष्ट है। ऐसा माना जाता है कि लिंग में टेढ़ापन किसी प्रकार के आघात (चोट लगना या सेक्स करते समय लिंग अचानक से मुड़ जाना) के कारण होता है, क्योंकि इससे लिंग के अंदर रक्तस्त्राव होने लगता है। इसमें यह भी हो सकता है कि आघात या चोट लगने के दौरान पता भी ना चला हो। कुछ अन्य मामलों में यह धीरे-धीरे समय के साथ विकसित होता है, जो आनुवंशिक या वंशानुगत स्थिति से जुड़ा हो सकता है। माता-पिता से जीन के माध्यम से संतान में भेजे जाने वाले गुण, दोष या बीमारियां आदि को आनुवंशिक या वंशानुगत कहा जाता है।

इसके अलावा ऐसी कई प्रकार की दवाएं हैं जो साइड इफेक्ट के रूप में लिंग में टेढ़ापन विकसित कर सकती हैं। साइड इफेक्ट के रूप में पेरोनी रोग विकसित करने वाली दवाओं में निम्न शामिल हो सकती हैं:

बीटा ब्लॉकर्स (Beta blockers)ये दवाएं अक्सर हृदय संबंधी रोगों औ हाई ब्लड प्रेशर आदि के लिए दी जाती हैं।
डिलान्टिन (Dilantin)मिर्गी व दौरे आदि को रोकने के लिए इन दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है।

जोखिम कारक –

ऐसा माना जाता है कि लिंग में टेढ़ापन की समस्या 1 प्रतिशत से भी कम लोगों को होती है।

लिंग में छोटी-मोटी या मामूली चोट लगना हमेशा पेरोनी रोग का कारण नहीं बनती। हालांकि ऐसे कई कारक हैं जो घाव ठीक होने की गति को कम करते हैं और स्कार ऊतक बनने का कारण बनते हैं। ये कारक लिंग में टेढ़ापन विकसित करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, इन कारकों में निम्न शामिल हैं:

आनुवंशिकता (Heredity)कुछ मामलों में जो लोग लिंग में टेढ़ापन होने की संभावना से जुड़े हैं, उनमें इस समस्या की संभावना वंशानुगत रूप से हो सकती है। यदि आपके पिता या भाई आदि को पेरोनी रोग है, तो आपमें भी यह समस्या होने के जोखिम अधिक बढ़ जाते हैं।
संयोजी ऊतक विकार (Connective tissue disorders) – जिन लोगों को कनेक्टिव टिश्यू डिसऑर्डर है, उनमें लिंग में टेढ़ापन विकसित होने की समस्या का जोखिम बढ़ जाता है। उदाहरण के लिए काफी सारे लोग जिनको पेरोनी रोग है

उम्र – पेरोनी रोग होने की संभावना उम्र के साथ ही बढ़ती है, 55 साल की उम्र के बाद यह समस्या अधिक होती है। यद्यपि यह रोग बच्चों से वद्धों तक किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है। (और पढ़ें - बढ़ती उम्र की समस्या)

अन्य कारक – कुछ निश्चित प्रकार की स्वास्थ्य स्थितियां, धूम्रपान और कुछ प्रकार की प्रोस्टेट सर्जरी आदि लिंग में टेढ़ापन विकसित होने की समस्या से जुड़ी हो सकती हैं। (और पढ़ें - प्रोस्टेट कैंसर सर्जरी)

प्रोस्टेट कैंसर का इलाज करने के लिए की जाने वाली कुछ प्रकार की सर्जिकल और रेडिएशन थेरेपी जैसे इलाज के बाद भी लिंग में टेढ़ापन आ सकता है।
जिन लोगों को हाइपरटेंशन या डायबिटीज आदि की समस्या है, उनके लिए पेरोनी रोग की समस्या आम मानी जाती है।

लिंग के टेढ़ापन से बचाव के उपाय - Prevention of Peyronie's disease in Hindi

लिंग में टेढ़ापन आने से बचाव कैसे करें?

पुरूषों को इस बात का एहसास नहीं होता है कि वे शारीरिक संभोग के दौरान अपने लिंग को भी क्षति पहुंचा सकते हैं। जिससे सेक्स करना मुश्किल और यहां तक की असंभव भी हो सकता है। इस प्रकार की चोटों से बचने के लिए ऐसी कई चीजें हैं जो पुरूष व उसकी पार्टनर कर सकते हैं।

पुरुष की उम्र के साथ-साथ उसके लिंग स्तंभन की कठोरता में कमी आने लगती है और कठोरता को बनाए रखने में भी काफी मुश्किल हो सकती है। स्तंभन में कठोरपन की कमी होने से लिंग क्षतिग्रस्त हो सकता है, क्योंकि तीव्र सेक्स क्रिया में लिंग में मोड़ आ सकता है। नीचे कुछ सुझाव दिए गए हैं, जो मदद कर सकते हैं। (और पढ़ें - सेक्स के फायदे)

जब किसी व्यक्ति को स्तंभन दोष होता है और शारीरिक संभोग बनाना उसके लिए मुश्किल या असंभव हो जाता है, तो डॉक्टर उसके लिए कुछ दवाएं लिख सकते हैं। लिंग में क्षति होने से बचाव रखने के लिए सबसे पहला कदम, लिंग स्तंभन की कठोरता में कमी महसूस होते ही इन दवाओं (डॉक्टर द्वारा बताए गए) का इस्तेमाल करना चाहिए। (और पढ़ें - लंबे समय तक सेक्स करने के उपाय)

महिला साथी को सेक्स करने से पहले यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि उसकी योनी लूबरीकेटेड (चिकनाईयुक्त या नम) है। अगर योनि में पर्याप्त चिकनाई नहीं है तो उन्हें कुछ प्रकार के ओवर--काउंटर (बिना डॉक्टर की पर्ची के मिलने वाले उत्पाद अथवा दवाएं) लूबरीकेंट्स का इस्तेमाल करना चाहिए। (और पढ़ें - सेक्स के बाद रक्तस्राव)
सेक्स करने के दौरान ध्यान रखना चाहिए और हाथ की मदद से लिंग को ठीक पोजिसन में रखना चाहिए।

संभोग के दौरान उन आसनों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए जिसमें महिला साथी ऊपर हों, क्योंकि इन पॉजिशन से लिंग में मोड़ आने का जोखिम बढ़ जाता है।
सेक्स पॉजिशन कैसी भी हो, संभोग के दौरान पुरुष का लिंग सीधी अवस्था में ही होना चाहिए। ऐसी पॉजिशन या गति का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए जिससे लिंग में मोड़ या मरोड़ आ जाए।
जब पुरुष थका हुआ होता है या उसने अत्याधिक शराब पी रखी होती है, तो ऐसे में संभोग से बचना चाहिए। क्योंकि ऐसी स्थिति में लिंग स्तंभन पर भरोसा नही किया जा सकता है।

लिंग के टेढ़ापन का निदान - Diagnosis of Peyronie's disease in Hindi

लिंग में टेढ़ापन होने की स्थिति का परीक्षण कैसे किया जाना चाहिए?

परीक्षण के दौरान डॉक्टर आपसे आपके लक्षणों के बारे में पूछेंगे। इस दौरान डॉक्टर लिंग की जांच करेंगे और उसमें स्कार ऊतकों के कठोर हिस्सों और हाथ लगाने पर दर्द होना जैसी स्थितियों का पता लगाएंगे। आम तौर पर, इस समस्या का परीक्षण करने के लिए इसी की आवश्यक होती है। लिंग के अंदर रेशेदार प्लेक को हाथ से टटोल कर आपके डॉक्टर हालत का पता लगाने में सक्षम हो सकते हैं।

कभी-कभी लिंग का अल्ट्रासाउंड किया जाता है, जिस दौरान संदिग्ध हिस्से में इन्जेक्शन द्वारा एक डाई लगाई जाती है। डाई लिंग के तंतुमय हिस्से का पता लगाने में मदद करती है, खासकर जब उपचार के लिए योजना तैयार की जा रही हो। (और पढ़ें - शुक्राणु की जांच कैसे करें)
अगर लिंग में कैल्शियम जमा है तो एक्स-रे की मदद से उसको देखा जा सकता है।

फाईब्रोसिस की डिग्री को निर्धारित करने के लिए कभी-कभी तने हुऐ लिंग की तस्वीरों की आवश्यकता पड़ सकती है। यदि सर्जरी द्वारा मरम्मत करने की योजना बनाई जा रही है, तो लिंग में क्षति की मरम्मत के सबसे बेहतर तरीके का पता करने के लिए लिंग की और विस्तार से जांच करने की आवश्यकता पड़ती है।

लिंग का टेढ़ापन का उपचार - Peyronie's disease Treatment in Hindi


लिंग में टेढ़ापन की स्थिति का इलाज कैसे किया जा सकता है?

पेरोनी रोग के कारण थोड़ा-बहुत टेढ़ापन होने पर उसका इलाज करने की जरूरत नहीं होती। चूंकि कुछ लोगों में यह स्थिति अक्सर अपने आप ठीक हो जाती है, इसलिए डॉक्टर अक्सर सर्जरी करने से पहले मरीज को एक साल तक ठीक होने का इंतजार करने के लिए कह सकते हैं।

अगर स्थितियां निम्न हों तो आमतौर पर डॉक्टर अक्सर वेट-एंड-सी (सावधान रहना और इंतजार करना) प्रक्रिया का सुझाव देते हैं।

अगर आपके लिंग में टेढ़ापन गंभीर नहीं है और अधिक बद्तर नहीं है।
आप अभी भी ठीक से बिना दर्द के स्तंभन प्राप्त कर रहे हैं और संभोग करने में सक्षम हैं।
अगर आपकी लिंग स्तंभन प्रक्रिया ठीक से काम कर रही है।

यदि आपके लक्षण गंभीर हैं या समय के साथ-साथ और बद्तर होते जा रहे हैं, तो आपके डॉक्टर दवाओं या सर्जरी के द्वारा इसका इलाज शुरू कर सकते हैं।

दवाएं –


पेरोनी रोग का इलाज करने के लिए कई प्रकार की दवाओं को प्रयोग करके देखा गया है। लेकिन इन दवाओं ने कोई स्थिर प्रभाव नहीं दिखाया है और वे सर्जरी प्रक्रिया की तरह प्रभावी साबित नहीं हो पाई हैं।

पेंटोक्सिफाइलिन (Pentoxifylline) एक ओरल (मुंह द्वारा ली जाने वाली) दवा है, जिसका इस्तेमाल लिंग में टेढ़ापन संबंधी समस्याओं के लिए किया जाता है। यह दवा कुछ महीने लगातार लेने से यह लिंग में स्कार ऊतकों की मात्रा को कम कर सकती है।

कुछ मामलों में, दवाओं को इन्जेक्शन द्वारा सीधे लिंग में इन्जेक्ट किया जाता है, जो पेरोनी रोग से जुड़े दर्द एवं टेढ़ेपन को कम करने में मदद करता है। इन्जेक्शन के दौरान होने वाले दर्द को कम करने के लिए आपको लोकल अनेस्थेटिक (कुछ भाग को सुन्न करने वाली दवा) दिया जा सकता है।

अगर निम्न में से ही आपको कोई उपचार दिया जा रहा है तो आपको कई इन्जेक्शन लगवाने पड़ सकते हैं। इन दवाओं को ओरल दवाओं के साथ संयोजन के रूप में भी दिया जा सकता है।

इन दवाओं में निम्न शामिल हैं -

कोलेजिनेज़ (Collagenase) – इस थेरेपी में पेरोनी रोग से जुड़ा टेढ़ापन और अन्य परेशानियों में सुधार होते देखा गया है। यह थेरेपी लिंग में टेढ़ेपन का कारण बनने वाले कोलेजन के निर्माण को तोड़ने के रूप में काम करती है।

वेरापैमिल (Verapamil) – इस दवा का इस्तेमाल आमतौर पर हाई ब्लड प्रेशर का इलाज करने के लिए किया जाता है। ऐसा लगता है कि यह कोलोजन के निर्माण को भी बधित करता है। कोलेजन एक प्रकार का प्रोटीन होता है, जो पेरोनी रोग के स्कार ऊतकों का निर्माण करने वाला मुख्य कारक है।
इंटरफेरोन (Interferon) – यह एक प्रकार का प्रोटीन होता है, जो रेशेदार ऊतकों का उत्पादन होने में बाधा उत्पन्न करता है और उनको तोड़ता है।

सर्जरी –

लिंग में टेढ़ापन की गंभीर स्थितियां जिसमें लिंग अधिक मुड़ जाता है, जो किसी व्यक्ति को संभोग करने से भी वंचित रखती है। ऐसी स्थितियों में सर्जरी काफी मददगार प्रक्रिया है। पेरोनी रोगों के मरीजों के लिए सर्जरी की दो प्रक्रियाएं होती हैं, पैलिकेशन (Plication) और प्लेक रिमूवल (Plaque removal)

जब स्तंभन होता है तो टेढ़ापन के कारण लिंग की एक साइड लंबी तथा एक साइड छोटी हो जाती है।


पैलिकेशन – इस प्रक्रिया में डॉक्टर लिंग की बड़ी साइड के विपरित दिशा में ऑपरेशन करके लिंग की बड़ी साइड को छोटा करते हैं, जहां पर स्कार या प्लेक स्थित होते हैं। इस प्रक्रिया में डॉक्टर लिंग को सीधा रखते हैं, जिससे मरीज का लिंग स्तंभन रख पाता है। लेकिन इसके कारण लिंग स्तंभन थोड़ा कम हो जाता है।

इस प्रक्रिया को आउटपेशेंट बेसिस (सर्जरी के बाद उसी दिन अपने घर जा सकते हैं) के अनुसार किया जाता है और इस प्रक्रिया में डॉक्टर शरीर से कोई त्वचा नहीं निकालते। पैलिकेशन सर्जरी के 90 प्रतिशत से भी अधिक मामले सफल रहते हैं।

प्लेक या स्कार टीश्यू रिमूवल – इस प्रक्रिया में डॉक्टर प्लेक या स्कार वाले ऊतकों को निकाल देते हैं, जिससे लिंग की छोटी साइड खुल जाती है और लिंग सीधा हो पाता है। यह प्रक्रिया आमतौर पर उन लोगों के लिए होती है जिनका स्तंभन गंभीर रूप से मुड़ा हुआ है।

प्लेक निकालने के बाद डॉक्टर स्तंभन कक्ष में हुए रिक्तस्थान में ग्राफ्ट भर देते हैं। यह ग्राफ्ट मरीज के शरीर के किसी अन्य हिस्से से निकाली जाती है।

इस प्रक्रिया के 75 प्रतिशत मामले सफल हो जाते हैं। इस प्रक्रिया से लिंग स्तंभन की लंबाई को संरक्षित करने में मदद करती है। लेकिन लिंग स्तंभन इतना लंबा नहीं होता जितना यह पेरोनी रोग से पहले था।

लिंग का टेढ़ापन की जटिलताएं - Peyronie's disease Complications in Hindi

लिंग में टेढ़ापन होने से क्या जटिलताएं हो सकती हैं?

पेरोनी रोग होने पर निम्न जटिलताएं हो सकती हैं:

शारीरिक संबंध बनाने में असमर्थता।
स्तंभन प्राप्त करने और उसे बनाए रखने में कठिनाई (स्तंभन दोष)(और पढ़ें - हस्तमैथुन के नुकसान)
यौन क्षमता या लिंग के आकार आदि के कारण तनाव व चिंता। (और पढ़ें - तनाव दूर करने के उपाय)
अपने यौन साथी के साथ अपने रिलेशनशिप में तनाव। (और पढ़ें - सेक्स लाइफ को बेहतर बनाने के उपाय)
शारीरिक संभोग में मुश्किल या असंभव होने के कारण पिता बनने में कठिनाई।

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Kapil Sharma And Ginni Chatrath's Wedding Invitation Comes With An Overload Of Sweetness (See)

Kapil Sharma And Ginni Chatrath's Wedding Invitation Comes With An Overload Of Sweetness (See)

Indian comedian Kapil Sharma announced late last month that he will marry his girlfriend Ginni Chatrath on December 12 this year. Sharma had posted the official announcement on his social media pages, asking for blessings from his fans and followers. Sharma has joined a growing number of Indian celebrities who got married this year, including Deepika Padukone and Ranveer Singh, Virat Kohli and Anushka Sharma, and Priyanka Chopra.


The wedding festivities seem to have begun, with Ginni posting a number of photos from the celebrations and functions. The families of the bride and the groom are hard at work preparing for the D-day, even as the akhand path and choora ceremonies took place at Ginni's place in Jalandhar over the weekend. The pictures from the events, which appeared to be 'family-only' affairs, look really amazing and tell us that we can expect some more wedding pictures from the bride and groom soon.

Kapil Sharma and Ginni Chatrath have sent out wedding invite, which reaffirm our belief that Sharma is a foodie. The luxurious-looking invitations were sent out with what appears to be a whole box of Indian sweets filled with chunky nuts and dried fruits. A number of pictures of Kapil Sharma and Ginni Chatrath's wedding invitation have surfaced on Instagram. The pictures show that the couple are both fond of sweets.



Those sweets look really delicious, don't they? It is customary to carry a box of sweets when handing out invitation cards in India. Most people nowadays get their wedding invitation cards packaged in a box that contains a number of different kinds of dried fruits and nuts or barfis, ladoos and other sweets and savouries. Following their wedding, Kapil Sharma and Ginni Chatrath will be hosting wedding reception for their Indian television and film industry friends and colleagues.


The reception will be held in Mumbai on December 24th, 2018. Workwise, Kapil Sharma is busy filming the new episodes of his upcoming 'The Kapil Sharma Show.' Well we wish the couple all the very best for their wedding and hope to see more deliciousness from the wedding festivities
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Chlorophyll Water: The Newest 'Health Drink' Said To Have Weight Loss And Other Benefits

Health tips

Chlorophyll Water: The Newest 'Health Drink' Said To Have Weight Loss And Other Benefits


You may remember chlorophyll from your high school biology class. Yes, it's that same pigment that we all studied about and that makes plants appear green and helps them derive energy from sunlight. When we studied chlorophyll and its functions all those years ago, we didn't know that there would come a time when people would be consuming it, due to its many touted health benefits. Technically, we all eat chlorophyll every time we eat whole fruits and vegetables.

But nowadays, chlorophyll is also sold in the form of supplements that can be consumed in order to reap its purported benefits for the skin and body. Chlorophyll water is the fancy new drink that is being sold in juice bars around the world. The drink is prepared by infusing chlorophyll supplements in water and is said to be rich in micronutrients and antioxidants.


Drinking chlorophyll water is a health trend that looks like it's here to stay. Let's look at some of the claimed health benefits of chlorophyll water that have made this drink so favorable to health freaks around the world.

Health tips

Chlorophyll Water Benefits

Here are some benefits that regular consumption of chlorophyll water is said to have:


1. Boosts Skin Health

Chlorophyll is said to be great for the skin. It may reduce inflammation and is said to have anti-bacterial properties. Chlorophyll may also help fight against acne, when applied topically on the affected areas.

2. Boosts Quality Of Red Blood Cells

It is believed that consumption of chlorophyll water may improve the quality of red blood cells in the body. A 2004 study showed that wheatgrass, which is made up of 70 percent of chlorophyll, reduced the number of blood transfusions required by patients of thalassemia.

3. Helps In Detoxification

Chlorophyll water, or liquid chlorophyll, is said to have the ability to bind and remove toxins and even heavy metals from the body. It is also believed to improve the alkalinity of the body due to the presence of magnesium in it.

4. Helps In Weight Loss

A 2014 study, published in the journal Appetite, says that consumption of chlorophyll resulted in greater weight loss, over a period of 12 weeks. It is also believed to decrease the craving for junk food and lower the levels of bad cholesterol, or Low-Density Lipoprotein, from the blood. Weight loss benefits of chlorophyll water are substantiated by a 2013 study, published in journal Appetite, that linked the drink to satiety.

5. Effect On Tumours

Consumption of chlorophyll water is even linked to reduced risks of tumours. One particular study on animals found that chlorophyll consumption was linked to low incidence of liver cancer. The book Chlorophylls and Bacteriochlorophylls: Biochemistry, Biophysics, Functions and Applications claims that liquid chlorophyll binds to carcinogenic molecules produced in the body and helps remove them in the form of faeces.

Chlorophyll water may have become popular as a health drink, but some health experts claim that you don't need to consume the drink in order to reap all the benefits of chlorophyll. You can include more dark and leafy green vegetables and fruits in your diet, in order to reap the benefits of chlorophyll.
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Natural Haircare: Use Potato Juice To Grow Long And Lustrous Locks

Beauty

Who doesn't like their hair to grow long and healthy? But its not as easy as it sounds. Genetics, unhealthy lifestyle, bad eating habits, hard water, and exposure to dust, pollution and chemicals are a few factors that are known to ruin the quality of our hair. We have all been guilty of spending thousands on buying hair products that barely did good. Luckily, our kitchen is a storehouse of natural remedies that work like a charm and cost almost nothing! Some of these ingredients, readily available across most home kitchens, not only make your hair healthy but also help them grow longer. One such ingredient is our very own staple vegetable, the humble potato. The juice of this versatile vegetable is a potent elixir for hair-growth.

What is it that potato juice has to offer to our hair and how does it help them grow longer? Let's find out. 

Potato juice for hair growth


  • Potato juice is one of the most inexpensive and natural ways to stimulate hair growth. As compared to store-bought hair products, which may contain chemicals that can be harmful for hair in the longer run, using potato juice is a completely natural remedy that works for most people.
  • Potato juice consists of various essential vitamins that increase oxygen levels, which work to repair and restore collagen. Collagen is the protein found in the skin and other connective tissues. An improved collagen can then help better growth of hair.
  • A gentle massage with potato juice helps activate healthy scalp cells, which further encourage hair growth.
  • Excess oily hair can cause hair breakage. The high amount of starch present in potato juice can extract all the excess oil present in the scalp and follicles, allowing them to grow properly.
  • Dryness in the scalp can cause dandruff, which can lead to hair-thinning and breakage. Potato juice mixed with lemon juice is a potent solution for the dryness for healthy growth.
  • If you are experiencing hair loss, then bring potato juice to your rescue. It binds with oxygen and works on weak roots, further strengthening their grip. 


How to use potato juice for hair growth

All you need to do is to apply potato juice on your scalp and hair properly. Massage them with your fingertips for at least 15 minutes. A good massage can stimulate blood circulation, helping hair grow better. Rinse it off with warm water. Repeat the remedy at least thrice a month to see effective results.

How to make potato juice at home to encourage hair growth


  • Wash the potatoes thoroughly.
  • Now peel and grate them.
  • Take the grated potatoes in your hand and squeeze all the juice out of them. Use the juice immediately.
  • Another way to take out juice is to cut the potato into pieces and blend them into a juicer.
  • Take a muslin cloth and strain the pulp and apply the juice on your hair and scalp.
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Winter Health Tips: Benefits And Easy Ways Of Staying Hydrated During Winters

Food & Drinks

Winter Health Tips: Benefits And Easy Ways Of Staying Hydrated During Winters  


Winters are here and while we're all looking forward to the feasting and snuggling, it is important to take care of health as well. Like any other season, winter also demands special dietary and lifestyle adjustments to prepare the body for the cold weather. Staying hydrated may not look like an important thing to do during winters, as we don't lose a lot of sweat during cold weather. But as in summers, drinking enough water and retaining it in the body is important during winters as well. Staying hydrated may seem like an easy enough thing to do during winters, but it may not be so for a number of reasons. For one, dehydration is much less noticeable during winters, than it is during summers as you don't notice how much sweat you've lost under all those layers of clothing.


For another, the dryness in the air may dehydrate our bodies quicker than we can imagine and most often we don't even feel thirsty, so our need for adequate water may remain unmet. The effects of dehydration may be subtle and hence, less noticeable during winters, but it's important to work pre-emptively to replenish the fluid reserves of the body, in order to avoid any physical discomfort in the future.

Food & Drinks


Here are some health benefits of drinking adequate water during winters:

1. Temperature Regulation: Water helps regulate the body temperature, during both summers and winters. Staying hydrated may be a sure shot way to stay warm internally and prevent conditions like hypothermia.


2. Boosting Immunity: The cold and dry air may sap your body of energy, making you feel sluggish and even making you more susceptible to cold and flu. Stay hydrated to boost immunity and protect your body from illnesses.


3. Regulating Weight: When you're hydrated, your body is more capable of breaking down fats, effectively regulating body weight.


4. Boosting Skin Health: Drinking adequate water is one of the first things any beauty expert will suggest to you for skin health. During winters, it's essential to stay hydrated to prevent dry and dull skin.

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How To Stay Hydrated During Winters

1. Drink Warm/Room Temperature Water: After exercising during winters or even generally, one should drink beverages or water which is at room temperature. This is because cold water/liquids get absorbed faster in the body.


2. Eat Fruits/Veggies With High Water Content: Eating a lot of fresh fruits and vegetables with high water content is also a great way to stay hydrated. Load up on strawberries, oranges, pineapple, lettuce, celery, tomatoes, carrots, spinach, cucumber, etc.


3. Limit Consumption of Alcohol/Caffeine: Although it's extremely tempting to indulge in hot teas, coffees and alcohol during winters, both alcohol and caffeine may dehydrate your body, so excessive consumption of both is not recommended.


4. Eat More Soups/Broths: Salty foods like soups and broths are healthy and may help in retaining water in the body. They also have the added advantage of warming you up from the inside.
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The Good Place Actor Jameela Jamil Wants You To Know About These Scary Side Effects Of Slimming Teas

Food & Drinks

The Good Place Actor Jameela Jamil Wants You To Know About These Scary Side Effects Of Slimming Teas 


Hollywood actor Jameela Jamil, who is known for her role in the English series 'The Good Place', has a message for all the celebrities who promote 'miracle cures' and fat burning or sliming teas and other products. Jamil, who is also a British television presenter, radio presenter and model, has been taking a firm stand against celebrities and social media influencers who promote brands which sell slimming products. She took to Twitter to voice her disapproval of such brands and celebrities who promote them, urging her fans and followers to 'unfollow' celebrities who promote weight loss miracle cures. She even posted screenshots of social media posts by celebrities like reality TV star Khloe Kardashian, singer and rapper Cardi B and singer Iggy Azalea, to drive the point home. All three celebrities have been promoting various slimming products through their social media pages, and soon Jamil's followers started posting their own experiences with these slimming products.


Jameela Jamil posted a whole statement against slimming laxative teas stressing on the fact that they
are unhealthy and unsafe for consumption. She said that these products only 'give you diarrhea, which makes your tummy flat for a day.' She further added by saying, 'Please unfollow celebrities who try to push this nonsense on you. It's not safe. It's not FDA approved. No doctors advise you to use this stuff.' She further gave us advice on how to actually lose weight in a healthy way: 'If you want to "curb your appetite", then eat some green vegetables or take some nutritious natural vegetable soup. Don't drink these "detox" teas. You need fiber!' Jamil said that if someone wants to get slimmer, they should 'talk to a trainer/doctor', instead of taking diet advice from 'from women who know nothing about nutrition/basic advertising ethics.'

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Soon people were sharing their own experiences with slimming teas on Twitter. On user shared her experience of trying a 'fad diet': 'Unfortunately, during my knee surgery, I was persuaded by the family to go on a shake diet and when I stopped, I did not eat for a whole week because I had so much constipation. Never touching any of this 'weight loss' shit again!' Another user pointed out the harmful effects of detox teas: 'As a GP I've dealt with side effects of detox teas such as tachycardia, restlessness, decompensation of thyroid pathology, etc. Luckily those patients asked for help on time.' Jameela also opened up about her own struggles with weight and how her brush with weight loss and slimming products, left her feeling 'sick' and gave her 'digestion and metabolism problems for life.'

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